आज मित्रता दिवस है पर आज के समय में मित्रता निभाता कौन है। यहां पर तो बस अपने मतलब के लिए दोस्ती रखा जाता है ।जब तक आपसे काम है तब तक आपके साथ है। जब तक आपके पास पैसा है तब तक आपके साथ रहना खाना और घूमना होगा । जैसे ही आपको किसी चीज का जरूरत पड़े या आपको किसी भी मुसीबत में जरूरत पड़े तो,वही लोग बहाना बना देते हैं । आपसे अलग होने लगते है।
आज कि जो सच्चाई है कि आय दिन हम लोग सुन रहे है। कि इस दोस्त के साथ गया था और उसकी हत्या हो गई या कही गायब हो गया । आज कल तो दोस्ती से भी लोग अपना विश्वास तोड़ दे रहे है।
फिर काहे का दोस्त और काहे यारी
अभी के समय में तो सिर्फ दोस्ती को कलंकित कर रहे है।
कड़वी है पर सच है