धोनी : जब से हार्दिक पंड्या ने छक्का लगाकर 49 पर खेल रहे तिलक वर्मा को अर्धशतक नहीं पूरा करने दिया, दुनिया को माही बहुत याद आ रहा है। लोग कह रहे हैं कि हमने धोनी जैसा निस्वार्थ खिलाड़ी और कप्तान दूसरा नहीं देखा। 2014 के T-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में विराट कोहली 43 गेंद पर 68 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्होंने अकेले ही टीम इंडिया को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था। भारत को जीत के लिए 1 रन की दरकार थी और माही ने 19वें ओवर की अंतिम गेंद रोक ली। धोनी चाहते थे कि विराट कोहली ही बड़ा शॉट खेल कर इस मैच को फिनिश करें क्योंकि सारी मेहनत उन्होंने की थी। आज बात माही की एक ऐसी पारी की, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मिट्टी पलीत होने से बचा ली थी।
29 पर 5 विकेट आउट से 227/6 का सफर! तारीख थी 30 दिसंबर 2012 और जगह चेपॉक स्टेडियम, चेन्नई। पहले वनडे मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। भारत ने 9.4 ओवर में 29 के स्कोर पर 5 विकेट खो दिए। गौतम गंभीर (8), वीरेंद्र सहवाग (4), युवराज सिंह(2) और रोहित शर्मा 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। फर्स्ट डाउन खेलने आए विराट कोहली का खाता नहीं खुल सका था। इन 5 विकेटों में से 4 जुनैद खान के हिस्से गए थे। सिर्फ एक गौतम गंभीर मोहम्मद इरफान का शिकार बने थे। यहां से अधिकतर क्रिकेट पंडित कह रहे थे कि भारत 50 के अंदर सिमट जाएगा।
अब वह खिलाड़ी मैदान पर आया, जिसे आजकल के नए बच्चे टुकटुक माही कहकर खुद को बहुत बड़ा क्रिकेट एक्सपर्ट समझते हैं। हो सकता है उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की यह पारी ना देखी हो। आधी भारतीय टीम के पवेलियन लौटने के बाद धोनी ने सुरेश रैना के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 148 गेंद पर 70 रनों की साझेदारी बनाई। कैप्टन कूल टीम इंडिया को संकट से हर हाल में बाहर निकालना चाहते थे। आखिरकार 88 गेंद में 43 रन बनाकर खेल रहे रैना मोहम्मद हफीज की गेंद पर बोल्ड हो गए। भारत का स्कोर 102 रन और 6 खिलाड़ी आउट। अब साफ नजर आ रहा था कि भारत 50 ओवर भी नहीं खेल पाएगा। सबकुछ शुरू से शुरू करना था। भारत को सम्मानजनक स्कोर तक भी ले जाना था।
यकीन मानिए, धोनी ने अगली 100 गेंदों पर अश्विन के साथ 125 रनों की अटूट साझेदारी बनाई। जो भारत 50 के नीचे ऑलआउट हो सकता था, उसने महेंद्र सिंह धोनी की शतकीय पारी के बदौलत पूरे 50 ओवर खेले। टीम इंडिया ने 50 ओवरों की समाप्ति के बाद 6 विकेट के नुकसान पर 227 रन बनाए। धोनी 125 गेंद पर 7 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 113 रन बनाकर नाबाद रहे। अश्विन ने भी 39 गेंद पर 31* रनों की पारी खेली। माही का स्ट्राइक रेट 90.40 का रहा। पाकिस्तान ने 48.1 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य जरूर हासिल कर लिया, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया। पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह उल हक ने कहा कि ऐसी पारी सिर्फ और सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी की खेल सकते हैं।
धोनी ने ऐसी एक नहीं बल्कि अनगिनत पारियां खेली हैं। मौजूदा दौर में जितने भी दिग्गज खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा हैं, सबकी मेंटरशिप में माही का योगदान रहा है। 350 वनडे मुकाबलों की 297 पारियों में नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए 50.57 की औसत से 10773 रन कोई बच्चों का खेल नहीं है। जो लोग धोनी को आज टुकटुक करने वाला खिलाड़ी बोलकर खुद को बड़ा तीस मार खां समझते हैं, उनके लिए यह पोस्ट लिखी है। अगर धोनी उस दिन शतक नहीं लगाता, तो हिंदुस्तान पाकिस्तान के खिलाफ 50 का आंकड़ा भी शायद ही पार कर पाता। उस मैच में के बीच धोनी बल्लेबाजी के दौरान सर पर पानी के छींटे मारते रहे और पाकिस्तानी गेंदबाजों को पानी पिलाते रहे। लव यू लेजेंड।
आज भी करोड़ों फैंस की जान है
अपना माही हिंदुस्तान की शान है